28 मार्च 2025 को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के बाद, भारत सरकार ने म्यांमार को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। इस मिशन के तहत, भारतीय नौसेना ने राहत सामग्री के साथ जहाज रवाना किए हैं।
29 मार्च को, भारतीय नौसेना के जहाज सतपुड़ा और सावित्री यांगून के लिए रवाना हुए, जबकि 30 मार्च को अंडमान और निकोबार कमान से जहाज करमुक और एलसीयू 52 भी यांगून के लिए भेजे गए। इन जहाजों पर लगभग 52 टन राहत सामग्री थी, जिसमें जरूरी कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाइयां और आपातकालीन राहत सामग्री शामिल है।
यह राहत अभियान भारत के संकल्प को दिखाता है कि वह इस क्षेत्र में ‘पहला प्रतिक्रियादाता’ बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय नौसेना, भारतीय सेना, वायुसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) मिलकर इस आपदा राहत मिशन में योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी बात की, ताकि राहत कार्यों को तेजी से और प्रभावी तरीके से चलाया जा सके।