Date: 28th January 2025
राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम:
ओडिशा सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसमें 1975 के आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए ₹20,000 मासिक पेंशन की घोषणा की गई है। यह पेंशन योजना 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुकी है और इससे लाखों लोग लाभान्वित होंगे। आपातकाल के दौरान कई नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विरोधियों को गिरफ्तार किया गया था, और अब सरकार ने उन लोगों को मान्यता देने का एक बड़ा कदम उठाया है जिन्होंने उस समय संघर्ष किया था।
मुख्यमंत्री मोहन चरण महजी ने स्वतंत्रता दिवस पर इस योजना की घोषणा की थी। ओडिशा के अलावा, अन्य राज्य जैसे हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान और असम ने भी ऐसी पेंशन योजनाओं की शुरुआत की है। यह कदम उन लाखों नागरिकों के संघर्ष और बलिदान को सम्मानित करता है, जो आपातकाल के दौरान अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़े थे।
कानूनी और सामाजिक असर:
यह योजना ओडिशा में आपातकाल के दौरान राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष का एक बड़ा प्रतीक बन सकती है। जहां एक ओर यह योजना पूर्व राजनीतिक बंदियों को सम्मान प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर यह भारतीय राजनीति और कानूनी प्रक्रिया पर भी एक बडी छाप छोड़ सकती है। यह कदम उन न्यायसंगत विचारों को पुनः स्थापित करने में मदद कर सकता है, जो उस समय की सरकार के फैसलों और कृत्यों के खिलाफ थे।
इसके साथ ही, यह योजना राज्य सरकार के लिए एक बड़ा सामाजिक और कानूनी दायित्व भी है। पेंशन की राशि प्रत्येक व्यक्ति की राजनीतिक और व्यक्तिगत स्थिति पर आधारित नहीं है, लेकिन यह उन सभी के लिए एक समान रूप से लागू की जाएगी जिन्होंने आपातकाल के दौरान कष्ट भोगे थे। यह एक उदाहरण हो सकता है, जहां सरकारी फैसले में बदलाव के बाद पुरानी गलतियों को सुधारने की कोशिश की जाती है, जिससे समाज में समानता और न्याय का संदेश जाता है।
समाज और राजनीति पर प्रभाव:
इस योजना का समाज में गहरा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे राजनीति और समाज के लिए एक नया दृष्टिकोण सामने आएगा। ओडिशा में यह कदम सरकार के एक आदर्श के रूप में देखा जाएगा, जो भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। यह राजनीतिक वचनबद्धता और इतिहास के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
यह योजना समाज में एक समानता का संकेत देती है, जिससे सरकार के लिए अपनी नीतियों को लेकर सकारात्मक बदलाव लाने की संभावना और बढ़ जाती है। यह कदम न केवल राजनीतिक बंदियों के लिए सम्मान प्रदान करता है, बल्कि समाज में न्याय और समानता की ओर एक नई दिशा भी प्रदान करता है।